कविता
निःशब्द कर दिया अपने
बहुत सुंदर
This was so beautifully written everyone who comes from a small town can feel these words ❤️ सपनों की होर में निकले बरे शहर की और ढलते सूरज को देख मन गांव लौट जाने को लगा l
Lovely ❤️✨ तितली के प्रेम ने कितने रंग बिखेरे हैं l
Thanks to you people for the prompts 'titli' and 'gulab' 🙂
Than here's another one for you sir mm .. ढलती शाम
ढलती शाम
मेरी रेलगाड़ी
किसी छोटे शहर से गुजरी
सब घर जा रहे थे
लोग बाजारों से,
बच्चे ट्यूशन से,
चिड़ियां गीत गाते
अपने घोंसले की ओर चल पड़ी थीं।
मैं सयाना
कुछ तलाशते
घर से दूर, बहुत दूर आ गया था।
इस बड़े शहर में,
दिन खत्म होता है अब मेरे लिए
शामें नहीं ढलती
हां! सूरज जरूर डूबता है.
और डूबने लगता है, एक बच्चे का मन
जो गांव की धूल में खेल कर थका हरा
हर इक ढलती शाम घर लौट आता था।
Bs shabd milne ki der hai , khayal toh ufan pr hain
🙂
निःशब्द कर दिया अपने
बहुत सुंदर
This was so beautifully written everyone who comes from a small town can feel these words ❤️ सपनों की होर में निकले बरे शहर की और ढलते सूरज को देख मन गांव लौट जाने को लगा l
Lovely ❤️✨ तितली के प्रेम ने कितने रंग बिखेरे हैं l
Thanks to you people for the prompts 'titli' and 'gulab' 🙂
Than here's another one for you sir mm .. ढलती शाम
ढलती शाम
मेरी रेलगाड़ी
किसी छोटे शहर से गुजरी
सब घर जा रहे थे
लोग बाजारों से,
बच्चे ट्यूशन से,
चिड़ियां गीत गाते
अपने घोंसले की ओर चल पड़ी थीं।
मैं सयाना
कुछ तलाशते
घर से दूर, बहुत दूर आ गया था।
इस बड़े शहर में,
दिन खत्म होता है अब मेरे लिए
शामें नहीं ढलती
हां! सूरज जरूर डूबता है.
और डूबने लगता है, एक बच्चे का मन
जो गांव की धूल में खेल कर थका हरा
हर इक ढलती शाम घर लौट आता था।
Bs shabd milne ki der hai , khayal toh ufan pr hain
🙂